Sunday, 11 March 2018

आशियाना


आशियाना 
मधुर रिश्तों का इक नीड़ है ये
सपनों की इक मीठी-मीठी
उड़ान है ये ,
मधुर स्मृतियों का झरोखा है ये
यह मेरा सुकून है।
मधुर रिश्तों का इक नीड़ है ये।
सुखद क्षणो का मधुर एहसास है
ग़म की रातों का इक हमराज हैं
बारिश में मां का आंचल है।
रात में एक छत है ये
मधुर रिश्तों का इक नीड़ है ये।
मैंने इसमें अनेकों सपने हैं सजाए।
रंगीन उमंगों को पनाह दी है इसने।
दुखोऺ में सहजता सिखाया हैँ इसने।
अनेको ईद व दीवाली मनाई है संग में ।
मधुर रिश्तों का इक नीड़ है ये।
मुद्द्तो की मेहनत से पाया है इसे।
झिलमिल तारों सा सजाया हैइसे।
रिश्तों की बेपनाह मोहब्बत है ये
ईंट का एक मकबरा है ये।
मधुर रिश्तों का इक नीड़ है ये।
MERE NAZAR SE.
By- Asha Sharma

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