-मंथन
जीवन में हमें वक्त के साथ -साथ चलना चाहिए। यह कथन कों हम अनेकों बार सुनते आ रहें हैं ।इस का मतलब यह नहीें कि हमेंआत्म गलत बातों को अपनाना चाहिए ।यदि हम अपने आस पास गलत चीजों को होते हुए देखते हैं तो यह सोचकर की हमें इसे क्यों सुधारना है कोई और इसे सुधारेगा तो गलत पर गलत हो जाता है ।हमें आत्म-------मंथन करना चाहिए ।
1अपने पदाधिकारी का सम्मान करो पर गलत बात के लिए सहमत न हों ।
2 स्वार्थ के लिए अपने को इतना मत गिराओ कि कोई आपको उठा न पाए ।
3 जीवन में आत्म सम्मान सबसे महत्तवपूर्ण होना चाहिए ।यदि वह आप में है तो न चाहते हुए भी लोग आप का सम्मान करेंगे ।
2 स्वार्थ के लिए अपने को इतना मत गिराओ कि कोई आपको उठा न पाए ।
3 जीवन में आत्म सम्मान सबसे महत्तवपूर्ण होना चाहिए ।यदि वह आप में है तो न चाहते हुए भी लोग आप का सम्मान करेंगे ।
4 गलत का साथ कभी मत दो चाहे परिस्थियाॅं कैसी भी क्यों न हों ।
5 स्वार्थ भरा जीवन जीने का लाभ नहीं क्योंकि मृत्यु निश्चित है ।
6 सदैव बडों का आदर करें छोटों को प्यार दें। उन्हें सही रास्ता दिखाएॅं उनकी गलत हरकतों पर परदा न डालें स्वंय को अच्छा साबित करने के लिए ।
7 आप जो भी रास्ता चुनते हैं उस पर लगन से काम करें ।
8 हमेशा अपने को श्रेष्ठ और दू
्तवपूर्ण होना चाहिए ।यदि वह आप में है तो न चाहते हुए भी लोग आप का सम्मान करेंगे ।5 स्वार्थ भरा जीवन जीने का लाभ नहीं क्योंकि मृत्यु निश्चित है ।
6 सदैव बडों का आदर करें छोटों को प्यार दें। उन्हें सही रास्ता दिखाएॅं उनकी गलत हरकतों पर परदा न डालें स्वंय को अच्छा साबित करने के लिए ।
7 आप जो भी रास्ता चुनते हैं उस पर लगन से काम करें ।
8 हमेशा अपने को श्रेष्ठ और दू
सरे को नीचा दिखाने का प्रयास न करें ।
9 अच्छे व्यक्ति का सदा सम्मान करें तभी तो अच्छाइयाॅ चारों तरफ फैलेगी । उन्हें दबाने की कोशिश न करें ।
10 गलत चीजों और गलत आदमियों की प्रशंसा न करें इससे समाज दूषित होता है ।
11 दूसरों से कार्य विनम्रता से करवाएं,अपने पद का दुरूपग न करें ।
12यदि सही गलत पहचानने की क्षमता आप में नहीं है तो आप उस पद के योग्य नहीं हैं ।
13 यदि समाज को उत्तम बनाना हो तो सबसे पहले स्वयं श्रेष्ठ बनें इसके लिए अनेक बाधाएॅं आएंगी पर उसके लिए तैयार रहें ।
14 आप के बच्चे आप की परछाईं हैं यदि आप श्रेष्ठ होगें तो ही आप के बच्चे भी श्रेष्ठ बनेगें।
15अच्छे कर्म करें नई आशा----- नए जोश के साथ नया कार्य करें ।
16 यह जीवन क्षणभऺगुर है तो गलत काम क्यों---- अच्छाई----नई सोच---नया विकास मूल्यों के साथ
16 जीवन जीएं याद रखें मृत्यु निश्चित है----------------------
9 अच्छे व्यक्ति का सदा सम्मान करें तभी तो अच्छाइयाॅ चारों तरफ फैलेगी । उन्हें दबाने की कोशिश न करें ।
10 गलत चीजों और गलत आदमियों की प्रशंसा न करें इससे समाज दूषित होता है ।
11 दूसरों से कार्य विनम्रता से करवाएं,अपने पद का दुरूपग न करें ।
12यदि सही गलत पहचानने की क्षमता आप में नहीं है तो आप उस पद के योग्य नहीं हैं ।
13 यदि समाज को उत्तम बनाना हो तो सबसे पहले स्वयं श्रेष्ठ बनें इसके लिए अनेक बाधाएॅं आएंगी पर उसके लिए तैयार रहें ।
14 आप के बच्चे आप की परछाईं हैं यदि आप श्रेष्ठ होगें तो ही आप के बच्चे भी श्रेष्ठ बनेगें।
15अच्छे कर्म करें नई आशा----- नए जोश के साथ नया कार्य करें ।
16 यह जीवन क्षणभऺगुर है तो गलत काम क्यों---- अच्छाई----नई सोच---नया विकास मूल्यों के साथ
16 जीवन जीएं याद रखें मृत्यु निश्चित है----------------------
No comments:
Post a Comment