Sunday, 8 September 2019

कदम

कदम

ये कदम हैं कि रूकते नहीं,
ये इरादें हैं कि थकते नहीं,
ये होंसले कि डरते नहीं,
मुझे तो मंजिलें कभी दूर दिखी हि नहीं,
क्योंकि उड़ाने ऊंची थी मेरी,
राहों में पत्थर भी थे,
ढेडी पगडंडियां भी थी,
अड़चनें भी डाली गई राहों में,
पर रास्तों को नापा था मैंने,
लोगों को जांचा था मैंने,
क्योंकि क़दम है कि रूकते नहीं।
ये इरादें हैं कि थकते नहीं।।
Meri Nazar Se.....


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