Sunday, 20 October 2019

रचनाकार



रचनाकार
  ईश्वर तुम तो रचना कार हो,
  इस अद्भुत  विशाल सृष्टि के,
  चक्षु दिये तुमने , निहारने को सुंदरता,
  प्रकृति को तुमने ,दी भव्य विशालता ,
  व पावनता, उदारता की परिपूर्णता।
 
  ईश्वर तुम तो रचनाकार हो ,
 इस अद्भुत विशाल सृष्टि के।
 
  पर्वतों को दृढ़ता व स्थिरता से,
  किया परिपेक्ष व  प्रदान की अटलता,
  शीतल पवन है जो सदैव ,
  रोमाचित करती है तन और मन,
  पुष्प है तो जीवन में है खुशबू,
  और कल्पनाएं व  सुंदरता।
 
  ईश्वर तुम तो रचनाकार हो,
  इस अद्भुत विशाल सृष्टि के।।
 
  तुम्हारी तो सुबह भी निराली
  और हर शाम है मतवाली,
  तारे देते हैं रंगीन सपने,
  चांद देता है रातें सुहानी,
  कोयल को दी आवाज रूहानी।

ईश्वर तुम तो रचनाकार हो,
इस अद्भुत विशाल सृष्टि के।।
Meri Bazar se......

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