Sunday, 11 December 2022

 वैश्विक चरित्र

BY -ASHA SHARM
आजकल सच कहीं दबता जा रहा है। झूठ का बोलबाला नजर आता है। सब लोग सोने से ज्यादा आर्टिफिशियल चीजों को पसंद करने लगे हैं। लेकिन सच बोलने वाले लोग आज भी हैं। आजकल एक चर्चा खुलेआम हो गई है ।एक इंटरव्यू में चेतन भगत ने एक सच्चाई क्या कहीं , कि कई लोग उनकी सच्चाई को बर्दाश्त नहीं कर पाए ।उन्होंने क्या झूठ बोला है ।
उर्फी जावेद जैसे लोग शालीनता को खोते जा रहे हैं। भारत भूमि जो कभी शालीनता के लिए मानी जाती थी ,न जाने धीरे- धीरे कहाॅं पवित्रता आज खोती जा रही है। आज जो जितना नंगा होकर बाजार में घूमता है ।उतना ही फेमस होता जाता है। ऐसा क्यों कुछ चीजें घर और समाज की शोभा हुआ करती थीं। चेहरे पर आकर्षण एवं लज्जा हुआ करती थी ।उनकी उसी में सुंदरता होती है । उर्फी जावेद जैसी लड़कियां हैं ,जो समाज में गंदगी को फैला रहे हैं सुंदरता तो उनके चेहरे पर बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ती। क्या सोचकर वह इस तरह की चीजें करती हैं। जिसमें केवल अपना शरीर प्रदर्शित करती रहती है । हम उनको नहीं देखना चाहते लेकिन क्या करें? हर जगह फेसबुक खोलो उनकी चीजें नजर आती हैं। ना जाने वह कौन से लोग हैं। जो ऐसी चीजों को पसंद करते हैं। ऐसे समाज में अच्छाई कैसे आएगी। इस बात का बहुत अफसोस है की अच्छी चीजों को पसंद करने की बजाय इस तरह की फालतू चीजों को लोग पसंद करने लगे हैं। मैं नहीं मानती कि हिंदुस्तान के 100% लोग इस तरह की चीजों को पसंद करते होंगे । फैशन ऐसा हो जो आपके व्यक्तित्व को और भी निखार दे,न कि आपको देखने पर अच्छी भावनाएं पैदा न हो। मुझे तो कहीं से नहीं लगता कि उस जैसे लोगों को देखकर किसी के भी मन में सुंदरता कि जो पराकाष्ठा है वह उठती हो ।वह केवल एक तमाशे की चीज है। जिसे लोग थोड़े समय के लिए देखते हैं और चले जाते हैं । जो रीपोर्टर है वह तो अपना काम कर रहे हैं । क्योंकि उनकी रोजी-रोटी शायद उसी से चलती है। जिस तरह की गंदगी को दिखाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इसलिए चेतन भगत जैसे करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत होती होंगी वे लोग इस तरह की गंदगी को पसंद नहीं करते होगें ,लेकिन क्या करें जो जबरदस्ती सामने परोसा जाता है। ना चाहते हुए भी नजर आ जाता है ।कई लोग ऐसे लोगों की हमेशा अच्छी निगाह से नहीं देखते होंगे। उर्फी जावेद जैसे लोग क्या सोचते हैं कि वह हमेशा लोगों की नजर में रहेंगे ।नहीं केवल कुछ समय ही उनको लोग पसंद करेंगे। पसंद भी नहीं कह सकते देखेंगे और बाद में वह कभी भी किसी को याद भी नहीं आएगी। काम करने के फेमस होने के और भी बहुत सारे तरीके हैं। मेहनत करिए ,अच्छे कर्म करें । सुंदरता आपके चेहरे पर दिखनी चाहिए, आपके कर्मों में दिखनी चाहिए ,ना कि आपके शरीर में दिखाई दे ‌। हमारा हमारी भारतीयता कहीं ना कहीं इस तरह की घटनाओं में खोती जा रही है। मैं केवल उर्फी जावेद को ही नहीं ऐसा मानती। ऐसे उन तमाम लोगों को गलत मानती हूं ।जो अपने आप को फेमस करने के लिए गलत तरीके अपनाते हैं। समाज को दूषित करते हैं,समाज के वातावरण को, बच्चों को, आने वाली पीढ़ी को दूषित वातावरण प्रदान कर रहे हैं । सुंदरता आपकी आंखों में होनी चाहिए ।आपके व्यक्तित्व में होनी चाहिए। पहनावे में होनी चाहिए जिससे कि अनायास ही नजर आदर से उठे न कि तमाशा देखने के लिए। ऐसी अशोभनीय सुंदरता ना ही सदियों तक जीवित रह सकती है ।केवल दो पल की रहती है उसके बाद सब व्यर्थ।
अशोभनीय मत बनें अतुलनीय बने।
MARI NAZAR SE....


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