अद्भुत अकल्पनीय आस्था......
मैं अक्सर लोगों से सुनती हूं कि भारतीय परमपराएं धूमिल हो रही है। भारत एक ऐसा देश है जहां मूल्य, सम्मान, आस्था कभी समाप्त नहीं हो सकती। इसका
साक्षात उदाहरण आज का कुंभ मेला लोगों की उमड़ती भीड़ वो भी पूरी शान शौकत सम्पूर्ण विश्वास , सम्पूर्ण उल्लास के साथ गंगा मैया के चरण स्पर्श हेतू प्रयाग राज की पवित्र भूमि पर अवतरित हुए है। आज पहले दिन ही एक करोड़ वह १२ करोड़ से भी ज्यादा हो सकते हैं आने वाले दिनों में। क्या इन्हें किसी ने बाध्य किया है नहीं ये इनकी आस्था है। आज पूरा देश इस विश्वास में शामिल हैं। इसमें सभी का सहयोग शामिल हैं। यह तो एक ही उदाहरण है। ये हैं हमारा भारत और
उसकी परमपराएं।
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