Saturday, 14 September 2019











हिंदी की पहचान
मुझे पहचान की जरूरत क्यों है,
यह तो मेरा घर है।
मैंने ही तो पनाह दी थी तुमको,
अपने आंचल में पनपने दिया,
अपना स्नेह दिया, रास्ते दिये पर ,
तुमने तो पैर ही फैला लिए,
मुझे पहचान की जरूरत क्यों है,
यह तो मेरा घर है।
तुम मुझ सी शीतलता कहां से लाओगे
मुझे सी मिठास कहां है तुम में,
मन के भाव कैसे अवतरित होंगे तुम से,
वो प्यार वह दुलार सब नहीं है तुम में
मुझे पहचान की जरूरत क्यों है।
यह तो मेरा घर है।
Meri Nazar Se...

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