
हाथों की लकीरें यह नहीं कहती कि ,
मैं ही रचियता हूं तुम्हारी
हाथों की लकीरें यह नहीं कहती कि
मैं ही भाग्यविधाता हूं
तुम्हारी हाथों की लकीरें
हमें यह कहती हैं
की
रास्ते तुम स्वंय चुनो
किस्मत को मैं उससे जोड़ दूंगी
तुम भाग्यविधाता हो अपने सृजन के
हाथों की लकीरें तो एक भ्रम है
मनुष्य के मन का एक विश्वास है
हाथों की लकीरें कहती हैं
कि
मुझे अपने हाथों से उकेरना
तुम्हारे अपने ही बस में है
यदि तुम रास्ते बनाओगे तो
लकीरे अपने आप ही बनेंगी
यदि रास्ते ही नहीं बनाओगे
तो
लकीरें मिट भी सकती हैं
हाथों की लकीरें हमें प्रेरणा देती हैं
अपने भाग्य को चमकाने की
हमें नए रास्ते बनाने के लिए
हमें उत्साहित भी करती हैं
यह है जो हमारे अंदर जीवंत हैं
यह लकीरे वह हैं जो हमारा लक्ष्य है
यह लकीरे वह है जो जीवन के
चलने का एक मार्ग है
इसलिए हाथों की लकीरें
Meri Nazar se......
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