
नई उमंगे,नई चाहते हों जीवन में,
नए क्षितिज, नई उडाने हों जीवन में,
हर पल जीओ ,यूं ही उल्लास के साथ ,
भागती सी जिंदगी हैआज के दौर में,
क्षितिज को छू लिया है अभिलाषाओं ने,
जिंदगी तो मानो बनावटी हो गई है।
पाना चाहती है कुछ ही क्षण में सब कुछ,
न धैर्य ,न साहस, एक होड़ है जिंदगी,
न शिद्दत ,न कशिश ,न मन का सुकून है,
चलती दौड़ती पटरी पर है जिंदगी,
कैसे जिएंगे उल्लास भरी जिंदगी?
अपने को बदलना होगा,
लालच को छोड़ना होगा
हर बात पर ना मचलना होगा,
चाहतों का मंथन होगा,
सच और सादगी है तो ही है ,
उल्लास भरी जिंदगी।
Meri Nazar Se..
Asha sharma
No comments:
Post a Comment