Sunday, 5 April 2020



असभ्यता।..
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत दिखावा करते हैं।
हर जोश व  उत्साह केवल बयां करते हैं।
हर काम दिखाते तो सबसे पहले है।
पर जब करने की बारी तो केवल टहलते हैं।
उनके चेहरे ही उनका व्यक्तित्व बयां करते हैं।
क्योंकि  चेहरे ही तो आईना हुआ करतें हैं।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत दिखावा करते हैं
हर जोश व  उत्साह केवल बयां करते हैं।

चलते हैं तो मानो पृथ्वी उनके दम से है।
बोलते हैं तो केवल चतुराई से मानो ।
शतरंज के वो खिलाड़ी हुआ करते हैं।
अपनेआगे -पीछे कुछ लोगों को ले लिया करते हैं।
कोई उन्हें माने या न माने पर अपने को।
 प्रभावशाली तो अवश्य वो समझते हैं।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत दिखावा करते हैं।
हर जोश व  उत्साह केवल बयां करते हैं।

ऐसे लोगों से सलीका तो कोसों दूर होता है।
न समझ व न योग्य होते हैं ये लोग।
अपनों व परायों में भेद करते हैं ये लोग।
इसलिए ही तो मात्र दिखावा करते हैं ये लोग।
अपनी काबिलियत से तो पा न सकते हैं।
तो कभी शकुनि बन छीन लेते हैं ये लोग।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत दिखावा करते हैं
हर जोश व  उत्साह केवल बयां करते हैं।

सब पर ढेर सारा प्यार यूं लुटाते फिरते हैं।
क्योंकि रिश्तों को तो निभाना है ही नहीं।
मतलब ही केवल उनका धर्म व ईमान है।
यूं तो ईश्वर को भी दगा वो देते हैं।
सुन्दर तन क्या  उन्हें सुन्दर दर्शएगा।
केवल सुन्दर मन ही काम आएगा।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत दिखावा करते हैं।
हर जोश व  उत्साह केवल बयां करते हैं।
Meri Nazar Se....

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