प्रकृति हमारे साथ हमेशा रहती है । यह हमारे लिए इश्वर का एक अनूठा वरदान है । हम सब को इसे एक परिवार का सदस्य की तरह सा प्यार करना चाहिए। जैसे हम अपने परिवार को कोई कष्ट नहीं देना चाहतें हैं । उसी तरह से हमें अपनी प्रकृति से भी प्यार करना चाहिए। यह अपने बच्चों के जैसे हमारा भरण पोषण करती है । यदि हम इसकी देखभाल नहीं करगें तो यह नष्ट हो जाएगी।
पेड़ पौधे
पेड पौधे हमारे जीवन रक्षक हैं।क्या हम अपने जीवन को स्वंय नष्ट कर सकते हैं। पेड पौधों को काटना आत्महत्या के समान है। यह हमारी बहुमूल्य संम्पति है। जिस तरह हम हमेशा अपनी संम्पति को बढाने का प्र्रयास करते हैं। उसी तरह हमें पेड पौधोंवाली संम्पति को हमेशा बढाना चाहिए नहीं तो हम द्ररिद्र हो जाएगें।
ty
क्या हम जल के बिना एक पल का भी आशा कर सकते है? इसके बिना जीना असंभव है फिर क्यों लोग इसे व्यर्थ में फेंकते हैं। अक्सर हम लोगों को गाडियाॅं धोते ,घर धोते, पानी बहाते देखा है।नल बहता ही रहता है,शावर से पानी फेंकते हैं। आधुनिकता का मतलब चीजों को बर्बाद करना नहीं है।पानी को समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए। उन लोगों से पूछो जो पीने के पानी के लिए मीलों चलते हें। जल अमूल्य है फिर हम सब इसे क्यों बर्बाद करते हैं ।
\
No comments:
Post a Comment