
New education system.
आज के दौर में जिस चीज की जरूरत है उस तरह का एजुकेशन सिस्टम होना चाहिए मुझे ऐसा लगता है कि बच्चों को बहुत ज्यादा लिखाना नोटस तैयार करवाना रटवाना । यह सब चीजें बहुत पुरानी हो गई जब बच्चे बड़े होते हैं तो लैपटॉप पर काम करते उनको लिखने की जरुरत नहीं होती । उनकी लेखन प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए नहीं कह रहीं हूं। ज्यादा सिलेबस नहीं होना चाहिए ।ज्यादा सिलेबस हो जाता है तो
टीचर लिखवाने में कंप्लीट कराने में लगे रहते है।जो आगे जाकर उनको काम आए आज की शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिएं। जो आगे जाकर उनको जिस भी क्षेत्र में जाना है उनकी रूचि जिसमें है उस हिसाब से उसे पढ़ाना चाहिए और अन्य चीजों को एजुकेशन सिस्टम में डालना चाहिए। उनको शुरू से ही टेक्नोलॉजी बेस्ड एजुकेशन देना चाहिए जो उनके काम आए।बाद में उन चीजों का कहीं उनके जीवन में प्रयोग हो। सभी को मिलकर आज की जरूरत के हिसाब से एजुकेशन सिस्टम बनाना चाहिए ।हंसते खेलते उस पढ़ाई की प्रक्रिया को पूरा करें और लेखन प्रक्रिया बहुत कम होनी चाहिए उतनी ही होनी चाहिए जिससे कि बच्चों को उनको उस लेखन प्रक्रिया का ज्ञान हो जाए क्योंकि बाद में बड़े होकर उनको अधिकतर लैपटॉप भी यूज करने हैं और वह हाथ से लिखने वाले नहीं है मुझे आज भी याद है एक स्टूडेंट था वह बहुत ही इंटेलिजेंट था कंप्यूटर में और वह कभी भी किसी भी सब्जेक्ट का काम कंप्लीट नहीं करता था मैंने एक बार उससे प्रश्न किया यदि तुम काम नहीं कम्पलीट करोगे तो पढ़ोगे क्या ?उसके आंसर से मैं हतप्रभ हो गई उसने कहा मैडम मुझे आगे जाकर लिखना ही नहीं है तो मैं क्यों अपना समय बर्बाद करूं इस लिखने के चक्कर में मैं केवल पढ़ता हूं एग्जाम में जितना जरूरी होता है। कॉपी कंप्लीट करने की क्या ज़रूरत है। मैं उसके विचारों से सहमत हूं। मुझे लगता है कि आज केवल टैक्नलोजीबेस्ड शिक्षा होनी चाहिए। बच्चों का कम्नीकेशन सिस्टम बहुत अच्छा होना चाहिए। current विषयों का ज्ञान होना आवश्यक है।
Meri Nazar Se...
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