Sunday, 17 November 2019

अनुभव


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अनुभव तो मार्गदर्शक हुआ करता था ।
और सम्माननीय हुआ करता था कभी।।

 लोगों में संस्कार भरने के रास्ते,
 सदा उज्जवल हो सभी,
 यही प्रयास होता था अनुभव का,
 अनुभव सदा सम्मानीय होता था कभी ,
  दयनीय होकर रह गया है अभी ,
 
  अनुभव तो मार्गदर्शक हुआ करता था।
  और सम्माननीय हुआ करता था कभी।।
 
  कभी बनावट व दिखावटी
 आज की दुनिया में चाटुकारिता,
 ही संभल हो गई है अभी,
 ज्ञान के तो मतलब ही बदल गए हैं अभी,
 जो सर्वोच्च हुआ करते थे ,

 अनुभव तो मार्गदर्शक हुआ करता था।
  और सम्माननीय हुआ करता था कभी।।
 
 कभी स्वार्थ का बोलबाला ना था ,
स्वार्थी जीवन हो गया है अभी,
अनुभव तो मार्गदर्शक हुआ करता था कभी,
सुन्दरता न हुआ करता था ,
पैमाना काम काज का,

अनुभव तो मार्गदर्शक हुआ करता था ।
और सम्माननीय हुआ करता था कभी।।

अनुभव सदा सब रिश्तों को संजोता था,
आज दिलों में अपनी जगह को टिटोलता है,
सब की आंखों की शान हुआ करता था जो,
आज बेमानी और बेमतलब हो गया है वो,
इसलिए तो संस्कार रसातल हो गये हैं


अनुभव तो मार्गदर्शक हुआ करता था।
  और सम्माननीय हुआ करता था कभी।।
 
Meri Nazar Se............ASHA SHARMA

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