आचरण मनुष्य को सदैव सही दिशा दिखाता है । अच्छा आचरण उसे गलत करने से रोकता है। यदि यह गुण मनुष्य के स्वभाव में बचपन से आ जाए तो सफलता निश्चित है । वह बडा होकर अच्छा मि़त्र, अच्छा पुत्र या पुत्री अच्छा पिता या माता और सबसे उत्तम अच्छा इन्सान बनेगा। समाज को एक नई सोच की ओर ले कर जाएगा और एक उत्तम समाज का निर्माता होगा ।
जो अपने आचरण से माता पिता गुरूजनों को प्रसन्न रखता वही एक सच्चा इन्सान है । जो सुख- दुख में साथ दे वही सच्चा मि़त्र है। जो लोग सज्जन होते हैं उनका व्यवहार सर्वत्र सन्तुलित एंव प्रशंसनीय होता है । इस संसार में तीन तरह के लोग होते हैं। एक वह उत्तम पुरुष जो अपने हित का त्याग कर दूसरोंके लिए कार्य करते हैं उनको सुख व मानवता प्रदान करते हैं । दूसरे जो अपने हित के लिए कार्य करते हैं और दूसरों को दुख देने से भी नहीं चूकते। तीसरे प्रकार के लोग व्यर्थ ही दूसरों का नुकसान करते हैं । वे नीच प्रवृति के होते हैं।
सदैव उत्तम आचरण करें सब को सुख व खुशी दें।
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